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Wednesday 11 May 2011

koi dewanw kahata hai

कोई दीवाना कहता है
कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को
बस बदल समझता है
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ
तू मुझसे दूर कैसी है
ये तेरा दिल समझता है
या मेरा दिल समझता है"

"मोहब्बत एक एहसासों की
पावन सी कहानी है
कभी कबीरा दीवाना था
कभी मीरा दीवानी थी
यहाँ सब लोग कहते है
मेरी आँखों में आंसू है
जो तू समझे तो मोती है
जो ना समझे तो पानी है"

"समंदर पीर के अंदर है
लेकिन रो नहीं सकता
ये आंसू प्यार का मोती है
इसको खो नहीं सकता
मेरी चाहत को दुल्हन तू
बना लेना मगर सुनले
जो मेरा हो नहीं पाया
वो तेरा हो नहीं सकता "

भर्मर कोई कुमुदनी पर
मचल बैठा तो हंगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब
पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूब कर सुनते थे
सब किस्सा मोहब्बत का
हम किस्से को हकीक़त में
बदल बैठे तो हंगामा

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