प्रायः ये देखा गया है कि घरों में किसी न किसी विषय को लेकर
चर्चाएँ होती रहती है. उन्ही में से एक टी.वी.program bhi है.विचार
करें जब आप पूरे परिवार के साथ टी.वी.देखने बैठते हैं तो,
कोई समाचार dekhna, तो कोई sas-बहु के program , aur कोई
कार्टून तो कोई cricket dekhna पसंद करता है, और वो bhi एक
ही समय पर. तो बेचारे रिमोट का हाल तो हाकी के उस गेद की
तरह हो जाता होगा जो कभी इधर तो कभी उधर घूमता रहता है.
जरा विचार करें जब टी. वी. पर एक ही चैनेल हुआ करता था,
तो हम कृषि दर्शन सेलेकर रूकावट के लिए खेद है,तक एकसाथ
देख लिया करते थे. लेकिन आज तो चैनलों की बाढ़ है फिर bhi कोई पूर्ण मनोरंजन नहीं ले पता है.यदि इसी तरह रहा तो एक दिन प्रत्येक गावं तथा प्रत्येक मोहल्ले का अपना खुद का चैनेल
होगा और संभव है कि इसी प्रतिस्पर्धा में जातिगत चैनेल जैसे
कि,-पाठक चैनेल, मिश्रा चैनेल, राय चैनेल,यादव चैनेल इत्यादि.
इन चैनलों में आने वाले समाचार अपने-अपने मोहल्लों से
सम्बंधित रहेंगे, जैसे कि ;-मिश्राजी सस्पेंड हो गए, कल्लू धोबी
ने शर्माजी की पैंट जला दी,सिंहजी के लड़के ने नई साईकिल
खरीदी, व राय साहेब की दूसरी बीबी तिवारीजी के साथ भाग
गयी इत्यादि.समाचार के बाद मिस पाठक कहेंगी आप देख
रहे है पाठक टी.वी. अभी आप प्रियंका पाठक से समाचार सुन
रहे थे, अब अंकुर पाठक से भजन सुनिए.भजन के बाद
राजेश पाठक मौसम की जानकारी देंगे.जो bhi हो हसता -
रुलाता टी. वी. चैनेल कहीं न कही घर का सदस्य बन बैठा है,
जिसके बगैर हमारा परिवार चल नहीं सकता.
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