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Wednesday 6 July 2011

सिवाय चुनाव पर्व के, क्या है जो लोकतंत्र के होने का अहसास कराये?


वैश्वीकरण के बारे में आपकी क्या राय है और इसके प्रभावों का आकलन किस तरह करते हैं?
वैश्वीकरण देखने में एक बहुत ही मोहक व आकर्षक शब्द है. लेकिन वास्तविकता काफी खतरनाक व चिंताजनक है. सारी दुनिया का अमेरिकीकरण हो रहा है. 10 वर्ष पूर्व अमेरिका ने न्यू वर्ल्ड ऑर्डर यानी कि नयी विश्व व्यवस्था की बात कही थी, जो अब सच में बदलता दिख रहा है. पूर्वी यूरोप व रूस में समाजवाद के खात्मे के बाद अमेरिका पूंजीवाद के बल पर पूरी दुनिया में तो अपना प्रभाव जमाना ही चाहता है, उसकी विशेष नजर तीसरी दुनिया यानी कि एशिया, अफ्रिका और लैटिन अमेरिका के देशों पर है. तीसरी दुनिया के देशों में कच्चे माल का भंडार है, यहीं तैयार माल का सबसे आकर्षक बाजार भी है. सो, वैश्वीकरण की चोट सबसे ज्यादा तीसरी दुनिया के देशों पर ही पड़ेगी.
 

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